CLASS 10 GEOGRAPHY ( भूगोल ) CHAPTER 1 ( भारत : संसाधन एवं उपयोग ) Question Answer लघु उत्तरीय प्रश्न IN HINDI ( N.C.E.R.T ) बिहार बोर्ड AND other board

SCIENTIFIC CLASSES
2



   

 GEOGRAPHY ( CLASS:- 10TH )

   भारत : संसाधन एवं उपयोग
              

           Chapter:- 01

1. भारत : संसाधन एवं उपयोग ( लघु उत्तरीय प्रश्न )


1.खनिजों के संरक्षण एवं पबंधन से आप क्या समझत है ?

उत्तर ⇒ ससाधना का विवेकपूर्ण उपयोग ही संरक्षण कहलाता है। क्योंकि किसी भी संसाधन को बनने में लाखों वर्षों का समय लगता हैइसके विपरीत संसाधन प्रबंधन एक जटिल प्रक्रिया है। इस उत्पादन से लेकर उपभोग तक शामिल किया जाता है।

2.खनिजों के आर्थिक महत्त्व का वर्णन करें।

उत्तर ⇒ खनिज एक प्राकतिक रूप से विद्यमान समरूप तत्त्व है, जिसका निश्चित आंतरिक संरचना है। हमारे जीवन में खनिजों का विशेष आर्थिक महत्व औद्योगिक उत्पादन के लिए खनिज एक आधारभुत जरूरत होती हैं। इसके अभाव में न तो किसी उद्योग एवं न किसी राष्ट्र के विकास की कल्पना की जा सकता है।

3. अधात्विक खनिज किसे कहते हैं ? उदाहरण देकर समझावे ।

उत्तर ⇒ वैसे खनिज जिनमें धातु अंश का अभाव होता है और भंगुर प्रकृति क होते हैं, अधात्विक खनिज कहलाते हैं। इन पर चोट मारने पर ये टूट जाते ह। डोलामाइट, हीरा, अभ्रक, चूना पत्थर इत्यादि इसी के उदाहरण हैं। इनमें लाइमस्टोन का सर्वाधिक औद्योगिक महत्त्व है।

4.धात्विक खनिज के दो प्रमुख पहचान क्या है ?

उत्तर ⇒ धात्विक खनिज के दो पहचान निम्नलिखित हैं-
(i) इनको गलाने पर धातु की प्राप्ति होती है।
(ii) इसे पीटकर तार बनाये जा सकते हैं।

5. खनिजों की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

उत्तर ⇒ खनिज सभ्यता संस्कृति के आधारस्तंभ हैं। इनके बगैर उद्योगों का विकास नहीं किया जा सकता है। चट्टानों के निर्माण में इनकी भूमिका होती है। 2000 से भी अधिक खनिजों की पहचान हो चुकी है पर इनमें 30 खनिज का आर्थिक दृष्टि से विशेष महत्त्व है। धातु की उपलब्धता के आधार पर खनिज दो प्रकार के होते हैं।

6.मैंगनीज के उपयोग पर प्रकाश डालिए।

उत्तर ⇒ मैंगनीज एक अत्यंत उपयोगी खनिज पदार्थ है। इस्पात निर्माण सहित अनेक मिश्रधातु निर्माण में इसका उपयोग किया जाता है। इसकेअतिरिक्त सूखा-सेल बनाने में, फोटोग्राफी में, चमडा एवं माचिस उद्योग सहित रंग-रोगन को तैयार करने में यह उपयोगी है।

7. मोनाजाइट भारत में कहाँ-कहाँ उपलब्ध है ?

उत्तर ⇒ मोनाजाइट केरल राज्य में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके अतिरिक्त तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, उड़ीसां आदि राज्यों के तटीय भागों में इस खनिज का उत्खनन हो रहा है।

8. जलोढ़ मृदा से क्या समझते हैं ? इस मृदा में कौन-कौन सी फसलें उगाई जा सकती है ?

उत्तर ⇒ वैसी मिट्टी जिसका निर्माण नदियों द्वारा लाए गये तलछट के निक्षेप से होता है, जलोढ़ मृदा कहलाती है। इस मिट्टी में पोटाश एवं चूने की अधिकता होती है तथा नाइट्रोजन एवं ह्यूमस की कमी होती है। यह मिट्टी धान, गेहूँ, गन्ना एवं दलहन के लिए काफी उपयोगी है। इसके साथ ही इस मिट्टी में आलू एवं विभिन्न प्रकार का सब्जियाँ भी काफी मात्रा में उत्पादित किये जाते हैं।

9. भू-क्षरण किसे कहते है ?

उत्तर ⇒ मृदा का अपने स्थान से विविध क्रियाओं द्वारा स्थानान्तरित होना क्षरण कहलाता है। यह भू-क्षरण कई प्राकृतिक कारकों यथा-गतिशील जल, 147, हिमानी तथा सामद्रिक लहरों द्वारा नियंत्रित तथा प्रभावित होती है।

10. जलोढ़ मृदा के विस्तार वाले राज्यों का नाम बतावें। इस मृदा में कौन-कौन सी फसलें लगायी जा सकती हैं ?

उत्तर ⇒ जलोढ़- मृदा के विस्तार वाले राज्य हैं उत्तरप्रदेश, बिहार, पंजाब, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, पश्चिम बंगाल तथा असम। इस मृदा में गन्ना, चावल, मक्का, दलहन जैसी फसलें उगाई जा सकती हैं।

11. मृदा-निर्माण के मुख्य घटक कौन-कौन से हैं ?

उत्तर ⇒ मृदा-निर्माण के पाँच मुख्य घटक हैं –
(i) स्थानीय जलवायु,
(ii) पूर्ववर्ती चट्टानें एवं खनिज कण,
(iii) वनस्पति एवं जीव,
(iv) भू-आकृतियाँ एवं ऊँचाई तथा
(v) मृदा निर्माण में लगा समय।

12. खादर और बांगर मिट्टी में अन्तर स्पष्ट करें।

खादर मिट्टी    

   बांगर मिट्टी

(i) नवीन एवं उपजाऊ मिट्टी को खादर कहा जाता है।  

(i) पुरानी जलोढ़ मिट्टी को बांगर कहा जाता है।

(ii) खादर मिट्टी में बाढ़ का प्रभाव होता है

(ii) बांगर मिट्टी में बाढ़ का प्रभाव नहीं होता है।

(iii) उत्तरी बिहार एवं गंगा का मैदान इसका उदाहरण है

(iii) महाराष्ट्र एवं पंजाब की भूमि इसका उदाहरण है।

उत्तर ⇒




















13. मृदा संरक्षण के कोई प्रभावी उपाय बताएँ।

उत्तर ⇒ मृदा संरक्षण के प्रभावी उपाय निम्नलिखित हैं –

(i) फसल-चक्रण पद्धति अपनाकर मृदा के पोषनीय स्तर को बरकरार रखा जा सकता है।
(ii) रासायनिक उर्वरक की जगह जैविक व कंपोस्ट खाद का उपयोग करके मृदा संरक्षण किया जा सकता है।

14. फसल चक्रण मृदा संरक्षण में किस प्रकार सहायक है ?

उत्तर ⇒ फसल चक्रण द्वारा मृदा के पोषण स्तर को बरकरार रखा जा सकता है। गेहूँ, चावल, मक्का, आलू आदि के लगातार उगाने से मृदा के पोषक तत्त्व में कमी हो जाती है। इसे तिलहन एवं दलहन की खेती से पुनः प्राप्त किया जा सकता है। इससे नाइट्रोजन का स्थिरीकरण होता है इसलिए फसल चक्रण से मृदा संरक्षण में मदद मिलती है।

15. समोच्च कृषि से आप क्या समझते हैं  ?

उत्तर ⇒ जब पर्वतीय क्षेत्रों या ढलानों पर वृत्ताकार रूप में खेत की जुताई कर कृषि कार्य किया जाता है तो उसकी आकृति समोच्च रेखा की तरह दिखाई पड़ती है। इस प्रकार से खेतों के पोषणीय तत्त्व जलों के साथ नहीं बहते हैं। मृदा की उर्वरता बनी रहती है।

16. चिपको आंदोलन का वर्णन करें।

उत्तर ⇒ सुन्दर लाल बहुगुणा के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के टेहरी-गढ़वाल पर्वतीय जिलों में अनपढ़ जनजातियों द्वारा सन् 1972 ई० में यह आन्दोलन चलाया गया था। इस आन्दोलन में स्थानीय लोग हरे-भरे पेड़-पौधों को कटने से बचाने के लिए अपने आगोश में घेर कर इसकी रक्षा करते थे।

17. वन का पर्यावरणीय महत्त्व का वर्णन कीजिए।

उत्तर ⇒ वन प्रकृति का अनुपम उपहार है, जिसके आँचल में मानव आदिकाल से पोषित होता रहा है। वन जलवायु का सच्चा मानक है। एक तरफ वन की भूमि जल का अवशोषण कर बाढ के खतरे को रोकती है तो दूसरी तरफ अच्छा वषा भी कराती है। यह वन्य प्राणियों को भी आश्रय प्रदान करती है तथा वन्य प्राणियों के साथ ही मानव को भी अनेक आवश्यक जीवनदायिनी वस्तएँ देती हैं। जीव मंडल म जावों और जलवाय को संतलित स्थिति प्रदान कर संतलित पारिस्थितिका तत्र क निर्माण में सर्वाधिक योगदान देता है।

18. पेट्रोलियम से किन-किन वस्तुओं का निर्माण होता है ?

उत्तर ⇒ पेट्रोलियम एक शक्ति संसाधन है जिसका हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्त्व है। इसका मुख्य उपयोग यातायात के साधनों में ईंधन के रूप में है। इसके वा औद्योगिक मशीनों में स्नेहक के रूप में होता है। पेट्रोलियम का उपयोग वस्त्र, उर्वरक, रसायन उद्योग, कीटनाशक दवा एवं कृत्रिम रबर बनाने में भी किया जाता है।

19. जैव और अजैव संसाधनों से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर ⇒ उत्पत्ति के आधार पर संसाधनों को दो वर्गों में बाँटा गया है-
     (i) जैव संसाधन           (ii) अजैव संसाधन।

(i) जैव संसाधन – जीवमंडल में विद्यमान जीव जैसे पक्षी, मछलियाँ, पेड़-पौध और स्वयं मनुष्य जैव संसाधन के अंतर्गत आते हैं। इनमें अनुकूल प्राकृतिक परिस्थितियों में संतान उत्पन्न करने की क्षमता होती है। ये सजीव होते हैं। इनमें वृद्धि की प्रक्रिया चलती रहती है।

(ii) अजैव संसाधन – वातावरण में पाये जाने वाले सभी निर्जीव पदार्थ जैसे खनिज, चट्टानें, मिट्टी, नदियाँ, पर्वत इत्यादि अजैविक संसाधन कहलाते हैं। इनमें वद्धि नहीं होती है, इनके उपयोग से इनका भंडार समाप्त होता है।

20. संसाधन-निर्माण में तकनीक की क्या भूमिका है ? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर ⇒ आज के वैज्ञानिक युग में तकनीक का महत्त्वपूर्ण स्थान है। तकनीक के बल पर प्राकृतिक संसाधनों की कमी होने पर भी कोई देश विकसित देशों की पंक्ति में खड़ा हो सकता है। उदाहरण के लिए जापान को लिया जा सकता है। प्राकृतिक संसाधन की कमी के बावजूद इस देश ने अपनी तकनीक एवं विवेक के आधार पर स्वयं को विकसित देशों की श्रेणी में ला खड़ा किया है। इससे संसाधन-निर्माण में तकनीक की भूमिका स्पष्ट हो जाती है।

21. ऊर्जा संसाधन के संरक्षण के उपाय बताएँ।

उत्तर ⇒ ऊर्जा संसाधन के संरक्षण के लिए निम्नांकित उपाय किए जा सकते हैं –

(i) ऊर्जा के गैर-परंपरागत स्रोतों को अधिक उपयोग में लाना चाहिए जिससे परंपरागत ऊर्जा के स्रोत का भंडार बचाया जा सकता है।

(ii) अनावश्यक उपयोग कम करना चाहिए।

(iii) सार्वजनिक परिवहन का ही उपयोग किया जाना चाहिए।

(iv) खान से कोयला और पेट्रोलियम निकालने के लिए तकनीक को विकसित करना चाहिए जिससे कि खनन के समय बड़ी मात्रा में ईंधन नष्ट न होने पाये।

(v) जहाँ तक संभव हो बिजली बचाने का प्रयास करें। ऊर्जा की बचत ही संरक्षण है।

 

 

22. भारत में विभिन्न प्रकार के वन क्यों पाए जाते है ? उनके नाम लिखें। किसी एक का वर्णन करें।

उत्तर ⇒ भारत में धरातलीय स्वरूप में अंतर, मिट्टी और जलवायु की विविधता के कारण विविध प्रकार के वन उगते हैं।
भारतीय वनों को निम्न प्रकार में बाँटते हैं –

(i) उष्णकटिबंधीय चिरहरित वन या सदाबहार वन
(ii) उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन या पतझड वन
(iii) शीतोष्ण पर्वतीय वन या कोणधारी वन
(iv) डेल्टाई वन या ज्वारीय वन
(v) मरुस्थलीय वन या कँटीले वन

चिरहरित वन या सदाबहार वन – चिरहरित वन सघन होते हैं। इनकी लकड़ियाँ कड़ी होती हैं। अधिक तापमान, अधिक वर्षा और दलदली भागों में उगने के कारण इन्हें काटना और काम में लाना कठिन होता है। एबौनी और महोगनी इन वनों के महत्त्वपूर्ण वृक्ष है।

23. वन्य जीवों के ह्रास के चार प्रमुख कारकों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर ⇒ वन्य जीवों के ह्रास के निम्न चार प्रमुख कारक हैं-

(i) वन्य प्रदेश के कटने के कारण वन्य जीवों का आवास कम होता जाना।
(ii) वन्य जीवों का लगातार शिकार किया जाना।
(iii) कषि में अनेक रसायनों के प्रयोग ने भी कई वन्य प्राणियों के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न कर दिया है।
(iv) प्रदषण के कारण भी वन एवं वन्य प्राणियों का ह्रास हआ है।

24.निम्नांकित से संबद्ध एक-एक खनिज का नाम लिखें।

(i) बाबाबूदन पहाड़ी (ii) बगरू पहाड़ी (iii) कोलार
(iv) दाली-राजहरा (v) घाटशिला (vi) वैलाडिला
(vii) कोडरमा (viii) रियासी क्षेत्र

उत्तर ⇒ (i) बाबाबूदन पहाड़ी – लौह-अयस्क
(ii) बगरू पहाड़ी – बॉक्साइट
(iii) कोलार – सोना
(iv) ढाली-राजहरा — लौह-अयस्क
(v) घाटशिला – ताँबा
(vi) वैलाडिला – लौह-अयस्क
(vii) कोडरमा – अभ्रक
(viii) रियासी क्षेत्र – ताँबा

25. लौह-अयस्कों के नाम लिखें।                            उत्तर ⇒ लौह अयस्क मुख्य रूप से चार रूपों में पाये जाते हैं जो निम्न है-
(i) हेमाटाइट, (ii) मैग्नेटाइट, (iii) लिमोनाइट एवं (iv) अंडेराइट

26. अभ्रक का उपयोग क्या है ?

उत्तर ⇒ अभ्रक विद्युतरोधी खनिज है जिस कारण इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण नर्माण में इसका सर्वाधिक उपयोग होता है। इसके अतिरिक्त इसका अबीर-गुलाल बनाने तथा आयुर्वेदिक दवा निर्माण में भी होता है।

27. लोहे के प्रमुख उत्पादक राज्यों के नाम लिखिए।

उत्तर ⇒ लौह उत्पादक प्रमुख राज्य हैं — कर्नाटक, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, गोग झारखंड आदि।

28. कोयला के चार प्रकारों का नाम लिखिए।

उत्तर ⇒ कोयला के चार प्रमुख प्रकार हैं-
(i) एंथ्रासाइट, (ii) बिटुमिनस, (iii) लिग्नाइट एवं (iv) पीट।

29. गोंडवाना क्षेत्र के कोयले मुख्यतः किन क्षेत्रों में पाया जाता है।

उत्तर ⇒ इस समूह में 96% कोयले का भंडार शामिल है जो हमारे देश में मिला है। इसका निर्माण लगभग 20 करोड़ वर्ष पूर्व हुआ था। यह मुख्यतः चार नदी-घाटियों में पाये जाते हैं—
(i) दामोदर घाटी, (ii) सोन घाटी, (iii) महानदी घाटी एवं (iv) वर्धा-गोदावरी घाटी।

30. लौह-अलौह खनिज में अंतर बताएँ।

उत्तर ⇒

(i) लौह खनिज — इसमें लौह का अंश पाया जाता है। जैसे लौर अयस्क, मैंगनीज, क्रोमाईट, पाइराइट, टंगस्टन, निकिल और कोबाल्ट लौह खनिज के अंतर्गत आते हैं। इनका उपयोग विभिन्न प्रकार के इस्पात बनाने में किया जाता है।

(ii) अलौह खनिज—इसमें लौह अंश नहीं पाया जाता है जैसे सोना, चाँदी. ताँबा, जस्ता, अभ्रक, बाक्साइट, टिन, मैग्नीशियम आदि इसका उपयोग जेवर, सिक्के, बरतन, बक्सा, तार आदि बनाने में किया जाता है।

31. छोटानागपुर खनिज पेटी का क्या महत्त्व है ?

उत्तर ⇒ यह खनिज पेटी मुख्यतः नीस तथा ग्रेनाइट शैलों से युक्त है। यह देश का सबसे समृद्ध क्षेत्र है। यहाँ कोयला, अभ्रक, लौह अयस्क, यूरेनियम आदि मिलता है। इस पेटी के अंतर्गत झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल शामिल है।

32. बॉक्साइट किस तरह एक उपयोगी खनिज है ? इसकी प्राप्ति किन चट्टानों से होती है ? झारखण्ड के किन जिलों में इसकी विकसित खाने हैं ?

उत्तर ⇒ बॉक्साइट से अल्युमिनियम निकाला जाता है। जिसका उपयोग वायुयान बनाने, बिजली का तार बनाने तथा बरतन में किया जाता है। इसका उपयोग सीमेंट बनाने और खनिज तेल साफ करने में भी किया जाने लगा है।
बॉक्साइट की प्राप्ति लैटेराइट चट्टान से होती है। बॉक्साइट का बड़ा भंडार झारखंड के पलामू और लोहरदगा जिले में पाया जाता है जहाँ से निकालकर रेलमार्ग द्वारा मूरी पहुँचाया जाता है। यहाँ की खाने विकसित हैं।भारत बॉक्साइट का निर्यात जापान, ब्रिटेन और जर्मनी को करता है।

33. भारत में कोयला उत्खनन कब प्रारंभ हुआ ?

उत्तर ⇒ भारत में कोयला उत्खनन 1774 में प्रारंभ हुआ, परंतु व्यावसायिक स्तर पर उत्पादन 1839 ई० से हो रहा है। स्वतंत्रता के बाद कोयले के उत्पादन में काफी वद्धि हुई है। अभी भारत का स्थान विश्व के कोयला उत्पादक देशों में 8वा है।

34. ऐलुमिनियम के उपयोग का उल्लेख कीजिए।

उत्तर ⇒                                                     (i) वायुयान निर्माण में,
(ii) विद्युत उपकरण के निर्माण में,
(iii) घर साज-सज्जा के साधनों के निर्माण में,
(iv) बर्तन बनाने में,
(v) सफेद साम रासायनिक वस्तुएँ बनाने में।

35. भारत के किन भागों में नदी डेल्टा का विकास हुआ है ? यहा का मृदा की क्या विशेषता है ?

उत्तर ⇒ भारत के पर्वी तटीय भागों में नदी डेल्टा का विकास हुआ ह। म तटीय मैदान स्थित महानदी, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी नदियों द्वारा निर्मित डेल्टा जलोढ़ मिट्टी के क्षेत्र हैं।
यहाँ की मृदा बालू, सिल्ट एवं मृत्तिका के विभिन्न अनुपात से निर्मित है। इ रंग धुंधला से लेकर लालिमा लिये हुए भूरे रंग का होता है। यह उपजाऊ
मिट्टी होती है।

36 संरचनात्मक गुणों के आधार पर ऊर्जा स्त्रोतों को किस प्रकार से बाँटा गया है ?

उत्तर ⇒ संरचनात्मक गुणों के आधार पर ऊर्जा के दो स्रोत हैं_जैविक ऊर्जा तथा अजैविक ऊर्जा स्रोत। मानव एवं प्राणी शक्ति को जैविक तथा जल शक्ति, शक्ति आदि को अजैविक ऊर्जा शक्ति के स्रोत के अंतर्गत रखा जाता है।

37. हॉट स्पॉट्स के निर्धारण की मुख्य शर्ते क्या हैं ?

उत्तर ⇒ इसके निर्धारण की मुख्य शर्ते हैं –

(i) देशज प्रजातियों की संख्या का निर्धारण-ऐसी प्रजातियाँ जो अन्य और कहीं नहीं पायी जाती हैं।
(ii) अधिवास पास पर अतिक्रमण की सीमा निर्धारित करना।

38. भारत के किन-किन क्षेत्रों में पवन ऊर्जा के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ हैं ?

उत्तर ⇒ पवन ऊर्जा के विकास हेतु निम्नलिखित राज्यों में अनुकूल परिस्थितियाँ हैं-

(i) राजस्थान, (ii) गुजरात, (iii) महाराष्ट्र, (iv) कर्नाटक तथा (v) तमिलनाडु।

39. सागर सम्राट क्या है ?

उत्तर ⇒ सागर सम्राट मुंबई हाई पेट्रोलियम उत्खनन् क्षेत्र में कार्यरत एक जलयान है जो समुद्री क्षेत्र में जल के भीतर तेलकूप की खुदाई का कार्य करता है।

40. ताप शक्ति क्यों समाप्य संसाधन है ?

उत्तर ⇒ ताप शक्ति का स्रोत कोयला है। कोयला का निर्माण लंबी अवधि में जटिल प्रक्रिया द्वारा होता है जिसमें लाखों करोड़ों वर्ष लग जाते हैं। किंतु कोयले का उपयोग तेजी से हो रहा है। इनका भंडार सीमित है। अतः ताप शक्ति समाप्य संसाधन है।

41. निम्नलिखित नदी घाटी परियोजनाएँ किन-किन राज्यों में अवस्थित हैं – हीराकुंड, तुंगभद्रा एवं रिहन्द।

उत्तर ⇒ परियोजना – अवस्थिति वाले राज्य
1. हीराकुंड उड़ीसा
2. तुंगभद्रा आंध्रप्रदेश
3. रिहन्द उत्तरप्रदेश

42. वन्य जीवों के ह्रास में प्रदूषण जनित समस्याओं पर अपना विचार स्पष्ट कीजिए।

उत्तर ⇒ बढ़ते प्रदूषण ने भी वन्य जीवों के ह्रास में अपनी भूमिका निभाई है। पराबैंगनी किरणों, अम्ल वर्षा और हरित गृह प्रभाव द्वारा वन्य जीवों एवं वनों को नुकसान पहुंचा है। इसके अलावे वायु, जल एवं मृदा प्रदूषण ने भी वन एवं वन्य जीवों के जीवन को गंभीर संकट में डाल दिया है। इसलिए वन एवं वन्य जीवों की संख्या धीरे-धीरे घटते जा रही है।

43. भाखड़ा-नांगल परियोजना का क्या महत्त्व है ?

उत्तर ⇒ यह विश्व के सर्वोच्च बाँधों में से एक है। इस पर चार शक्ति-गृह बनाये गये हैं। एक भाखड़ा में, दो गंगुवाल में और एक कोटला में स्थापित है। यह 7 लाख किलोवाट विद्युत उत्पादन करता है। यह पंजाब, हरियाणा, हिमाचलप्रदेश इत्यादि राज्यों में कृषि एवं उद्योगों में क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिया है।

44. पारंपरिक ऊर्जा स्रोत किसे कहा जाता है ?

उत्तर ⇒ ऊर्जा के वे सभी पुराने स्रोत जिसे हम सैकड़ों वर्षों से प्रयोग कर रहे, ऊर्जा के पारंपरिक स्रोत कहलाते हैं। जैसे—कोयला, पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस। इसे जीवाश्म ईधन के नाम से भी जाना जाता है तथा ये समाप्य संसाधन है।

45. दस लुप्त होने वाले पशु-पक्षियों का नाम लिखिए।

उत्तर ⇒ दस लुप्त होने वाले पशु-पक्षियों के नाम हैं –
गिद्ध, गिर सिंह, धूसर बगुला, पर्वतीय बटेर, हरा सागर, कछुआ, लाल पाण्डा, भारतीय कुरंग, सारंग, श्वेत सारस और कृष्णा सारस।

46. चूना-पत्थर की क्या उपयोगिता है ?

उत्तर ⇒ चूना-पत्थर एक महत्त्वपूर्ण खनिज संसाधन है। इसका 76% उपयोग सीमेंट उद्योग में, 16% उपयोग लौह-इस्पात उद्योग में, 4% उपयोग रसायन उद्योग में तथा शेष 4% उपयोग उर्वरक, कागज तथा चीनी उद्योग में होता है।

47. परमाणु-शक्ति किन-किन खनिजों से प्राप्त होती है ?

उत्तर ⇒ वर्तमान समय में परमाणु शक्ति ऊर्जा के प्रमुख स्रोत है। यह विभिन्न खनिजों से प्राप्त होते हैं, जिसमें इल्मेनाइट, बैनेडियम, एंटीमनी, ग्रेफाइट, यूरेनियम, मोनोजाइट आदि आण्विक खनिज प्रमुख है।

48. कैंसर रोग के उपचार में वन का क्या योगदान है ?
उत्तर ⇒ हिमालय यव जो चीड़ के प्रकार का एक सदाबहार वृक्ष है, की पत्तियों, नियों छालों और जड़ों से ‘टैक्सोल’ नामक रसायन प्राप्त होता है। इस ‘टैक्सोल’ सायन से निर्मित दवा कैंसर रोग के उपचार के लिए प्रयुक्त होता है। इसलिए कैंसर रोग के उपचार में वन का महत्त्वपूर्ण योगदान है।

49. जल विद्युत उत्पादन के कौन-कौन से मुख्य कारक हैं ?

उत्तर ⇒ जल-विद्युत उत्पादन के प्रमुख कारक निम्न हैं –
(i) लगातार बहती हुई जल धारा,
(ii) नदी मार्ग में तीब्र ढाल,
(iii) जल की धारा में तेज गति
(iv) प्राकतिक जल प्रपात,
(v) सघन औद्योगिक एवं व्यापारिक केंद्र,
(vi) पर्याप्त पँजी निवेश,
(vii) परिवहन के साधन,
(viii) प्राविधिक ज्ञान एवं अमर ऊर्जा स्रोतों का अभाव।।

50. भारत की सबसे बड़ी नदी घाटी परियोजना कौन है ? यह किस नदी पर है ? इससे किस क्षेत्र का आर्थिक विकास हुआ है ?

उत्तर ⇒ भारत की सबसे बड़ी नदी घाटी परियोजना भाखड़ा नंगल परियोजना है। यह सतलज नदी पर बनायी गई है।
इस परियोजना से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और जम्मू-काश्मीर राज्यों को लाभ मिला है। इससे कृषि और उद्योगों में क्रांतिकारी परिवर्तन आये हैं। इस परियोजना से 15 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई कर देश में हरित क्रांति लाने में मदद मिली है। जल विद्युत उत्पादन के द्वारा उन राज्यों में लघु एवं कुटीर उद्योग का जाल बिछ गया है।

51. नवीकरणीय और अनवीकरणीय संसाधन में अंतर स्पष्ट करें।

उत्तर ⇒ प्राप्ति के आधार पर संसाधनों को दो वर्गों में बाँटा गया है—

(i) नवीकरणीय संसाधन
(ii) अनवीकरणीय संसाधन

(i) नवीकरणीय संसाधन – वातावरण में पाये जाने वाले वे सभी संसाधन जो विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक भौतिक, रासायनिक या जैविक प्रक्रियाओं से उत्पन्न होते रहते हैं जैसे सूर्य का प्रकाश, हवा, पानी, तालाब, झील, नदियाँ, मछलियाँ, पेड़-पौधे, वनजीव, पशु-पक्षी ये सभी नवीकरणीय संसाधन हैं

(ii) अनवीकरणीय संसाधन – इसके अन्तर्गत वे सभी संसाधनों को रखा गया है जो धात्विक हो या अधात्विक एक निश्चित भंडार के रूप में पृथ्वी के अन्दर जमा है इन्हें कृत्रिम रूप से पुनः बनाया जाना संभव नहीं है। अतः एक बार इनके भंडार समाप्त हो जाने पर कठिनाई होती है जैसे- कोयला पेट्रोलियम लौह-अयस्क, बॉक्साईट, मैंगनीज आदि। ये अनवीकरणीय संसाधन के अंतर्गत आते हैं।

52. वन महोत्सव और बाघ परियोजना क्या है ?

उत्तर ⇒ वन महोत्सव–वन संरक्षण और वन विकास की दिशा में उठाया गया एक महत्त्वपूर्ण कदम है। इसमें प्रतिवर्ष नए वन लगाए जाते हैं। 1952 ई० से प्रत्येक वर्ष वन महोत्सव मनाया जाता है। गोष्ठियाँ होती है। इसमें वन के महत्त्व पर चर्चा की जाती है। विचार विमर्श किया जाता है और आगे की योजना बनायी जाती है। बाघ परियोजना-बाघ जैसे महत्त्वपूर्ण वन्य जीव की सुरक्षा एवं वृद्धि के लिए बनायी गई योजना है। इसके अंतर्गत 27 बाघ अभयारण्य हैं जैसे उत्तराखंड में कार्बेट, झारखंड में बेतला, मध्यप्रदेश में कान्हा, उड़ीसा में नंदनकानन अभयारण्य बनाये गये हैं। जिसका परिणाम यह हुआ है कि दिनों-दिन बाघ की संख्या में वृद्धि होने लगी है। अच्छा परिणाम मिलने लगा है।

53. सौर ऊर्जा का उत्पादन कैसे होता है ?                              उत्तर ⇒ सूर्य से आनेवाली किरणें जब फोटोवोल्टाइक सेलों पर पड़ती हैं तब सूर्य किरणें ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती हैं जिसे सौर ऊर्जा कहा जाता है। कम लागत में अधिक ऊर्जा प्राप्त करने का एक अनोखा साधन है। भारत के पश्चिमी भाग गुजरात और राजस्थान में सौर ऊर्जा की अपार संभावनाएँ हैं।

54. भारत में नदियों के प्रदूषण के कारणों का वर्णन कीजिए।

उत्तर ⇒ भारत में प्राय: नगर एवं कल-कारखाने नदियों के किनारे अवस्थित हैं। इन नगरो के गंदे जल और कल कारखानों के कचडों को प्रायः नदियों में ही गिरा दिया जाता है। साथ ही कृषि में उपयोग किए जाने वाले रसायनों उर्वरकों, कीटनाशकों के जल में मिल जाने के कारण भी नदियों का जल प्रदूषित हुआ है।

55. भौतिक गुणों के आधार पर मिट्टी को कितने वर्गों में बाँटा गया है ? गंगा के मैदान में किस प्रकार की मिट्टी पाई जाती है ?

उत्तर ⇒ भौतिक गुणों के आधार पर मिट्टी को निम्न तीन वर्गों में रखा गया है-
(i) बलुई मिट्टी- इसमें पंक की अपेक्षा बालू का प्रतिशत अधिक होती है। यह जल अधिक सोखती है।
(ii) चिकनी मिट्टी- इसमें पंक का प्रतिशत अधिक होता है। यह मिट्टी सूखने पर कड़ी हो जाती है।
(iii) दोमट मिट्टी- इसमें बाल और पंक की मात्रा बराबर होती है। कृषि के लिए यह मिट्टी अच्छी मानी जाती है।

गंगा के मैदान में सामान्यत: यही मिट्टी पायी जाती है।

56. मुम्बई हाई तेल उत्पादक क्षेत्र का परिचय दें।

उत्तर ⇒ 1973 में बंबई (मुंबई) द्वीप के निकट अरब सागर में सागर तल का वेधन कर तेल निकाला गया। यह तेल क्षेत्र मम्बई हाई के नाम से प्रसिद्ध है जो समुद्र तट से 115 किमी० की दरी पर है। यहाँ ‘सागर सम्राट’ नामक जल मंच बनाया गया है, जिससे तेल की खुदाई में सविधा मिलती है। यह महाराष्ट्र का एक मात्र तेल उत्पादक केंद्र है। इसने 1974 से तेल उत्पादन शुरू किया। आज भारत के सर्वाधिक तेल उत्पादन क्षेत्र यहीं है।

57. नदी घाटी परियोजना के मुख्य उद्देश्य क्या हैं ?

उत्तर ⇒ इन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य है समन्वित रूप से नदी-घाटियों से जुड़ी विभिन्न समस्याओं को हल करना। इनमें बाढ़ों का नियंत्रण, मृदा अपरदन पर रोक, सिंचाई एवं पीने के लिए पानी, उद्योगों, गाँवों और नगरों के जल विद्युत उत्पादन, अन्तःस्थलीय जल परिवहन और कई अन्य सुविधाएँ जैसे—मनोरंजन, वन्यजीव संरक्षण और मत्स्य के विकास शामिल है।

58. अभयारण्य क्या है ? किन्हीं दो के नाम लिखें और उनकी स्थिति बताएँ।

उत्तर ⇒ वन्य प्राणियों को संरक्षित रखने के लिए, उन्हें भविष्य में लुप्त होने से बचाने के लिए सरकारी स्तर पर कई प्रकार के प्रयास किए गये हैं। उन्हीं में एक, वन्य जीव अभयारण्य स्थापित किया जाता है। जिसमें सक्षम पदाधिकारी की अनुमति के बिना किसी भी पक्षी या पशु को मारना, शिकार करना या पकड़ना वर्जित होता है। भारतवर्ष में कुल 513 अभयारण्य स्थापित हैं। जिसमें असम राज्य का काजीरंगा और अरुणाचल प्रदेश राज्य में नामदाफा महत्त्वपूर्ण माना जाता है।

59.पृथ्वी को नीला ग्रह की संज्ञा क्यों दी जाती है ?

उत्तर ⇒ पृथ्वी के 71% भाग पर जल की उपस्थिति के कारण यह अंतरिक्ष से नीले रंग का दिखलाई पड़ता है। यही कारण है कि इसे नीला ग्रह कहा जाता है।

60. वन विनाश के दो मुख्य कारकों का उल्लेख करें।

उत्तर ⇒ वन विनाश के दो मुख्य कारक हैं-
(i) बढ़ती जनसंख्या – इसके कारण जलावन, फर्निचर, मकान निर्माण आदि में लकड़ी के लिए वनों का विनाश हो रहा है।
(ii) आवासीय क्षेत्रों का प्रसार – आवास का क्षेत्र इतना बढ़ गया है कि लोग अब जंगल के क्षेत्र में आवासों का विस्तार कर रहे हैं।

61. झारखंड राज्य के प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्रों के नाम अंकित कीजिए।

उत्तर ⇒ झारखंड राज्य के प्रमुख कोयला क्षेत्र निम्नलिखित हैं –

(i) झरिया, (ii) बोकारो, (iii) गिरीडीह, (iv) कर्णपुरा तथा (v) रामगढ़।

62. किन्हीं चार तेलशोधक कारखाने का स्थान निर्दिष्ट कीजिए।

उत्तर ⇒ भारत स्थित चार तेलशोधक कारखाने निम्न हैं-

(i) डिगबोई

(ii) तारापुर

(iii) बरौनी

(iv) हल्दिया

63. पवन अपरदन वाले क्षेत्र में कृषि की कौन-कौन सी पर उपयोगी मानी जाती है ?

उत्तर ⇒ पवन अपरदन वाले क्षेत्रों में पट्टिका कृषि उपयोगी मानी जाती है। यह कृषि फसलों के बीच घास की पट्टियाँ विकसित कर की जाती है।

64. वनों के ह्रास (विनाश) के चार कारणों को लिखें।

उत्तर ⇒ पर्यावरण की दृष्टि से भारत में जितना वन रहना चाहिए उसका दो-तिहाई भाग ही बचा है। वन ह्रास के कई कारण देखने को मिलते हैं| जैसे-
(i) पश्चिमोत्तर भारत में वर्षा की कमी के कारण वन क्षेत्र कम मिलता है।

(ii) पंजाब, हरियाणा के क्षेत्रों में बचे वनों को काटकर उसपर खेती जाती है।

(iii) पहाडी क्षेत्रों में झूम खेती के लिए बड़े पैमाने पर वन काटा जाता है ।

(iv) वनों में स्वतः आग लगने से भी बड़े पैमाने पर वनों का नाश हो ।

65. दो परंपरागत और दो गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोतों के नाम लिखे और उनकी विशेषताएँ बताएँ।

उत्तर ⇒ ऊर्जा संसाधनों को दो वर्गों में बाँटा जाता हैं –
(i) परंपरागत ऊर्जा  (ii) गैर परंपरागत ऊर्जा
परंपरागत ऊर्जा के स्रोत हैं लकड़ी, उपले, कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक की तथा विद्युत। इनमें कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के भंडार सीमित है। समाप्त हो जाने वाले शक्ति के साधन हैं और अनवीकरणीय हैं। दलिता उपयोग विवेकपूर्ण ढंग से किया जाना चाहिए।
दूसरी ओर गैर परंपरागत ऊर्जा के स्रोत हैं सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारी ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा और बायोगैस ऊर्जा। ये नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत हैं और आवश्यकता एवं क्षमता के अनुसार इनका उत्पादन बढ़ाया और उपयोग किया जा सकता है।

66. बहुउद्देशीय परियोजना से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर ⇒ विकास की ऐसी परियोजना जिसमें विकास के कई उद्देश्यों की साथ-साथ पूर्ति हो सके बहुउद्देशीय परियोजना कही जाती है। आजादी के बाद देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नदी घाटी परियोजनाओं पर बल दिया गया। इस परियोजना के कई उद्देश्य हैं। जैसे बाढ़ नियंत्रण, मृदा अपरदन पर रोक, सिंचाई एवं पीने योग्य जल की आपूर्ति, विद्युत उत्पादन, उद्योगों को जलापूर्ति, मत्स्य-पालन, वन्य जीव संरक्षण, पर्यटन, परिवहन आदि।

67. भू-क्षरण के क्षेत्र लिखिए।

उत्तर ⇒ भारत के मध्य प्रदेश में चंबल नदी की द्रोणी, उत्तर प्रदेश में आगरा, इटावा और जालौन जिलों में, तमिलनाडु के दक्षिण व उत्तरी अर्काट, कन्याकुमारी, तिरुचिरापल्ली, चिंग्लीपुट, सलेम और कोयम्बटूर जिलों में भू-क्षरण क्षेत्र अधिक है।

68. रेड डाटा बुक और ग्रीन बुक क्या है ?

उत्तर ⇒ भारत की दो संस्था वॉटिनिकल सर्वे ऑफ इंडिया और वन अनुसंधान ने मिलकर 1970 में भारत की संकटग्रस्त वन जीवों की प्रजातियों की एक सूची तैयार की थी। इस सूची को ही रेड डाटा बुक कहा जाता है। इसी प्रकार ऐसे पौधे जो कम संख्या में पाये जाते हैं या विलुप्त होते जा रहे हैं उनकी एक पुस्तक तैयार की गयी है जिसे ग्रीन बुक कहा जाता है। विलुप्त हो रहे या संकटग्रस्त वनजीवों या पौधों की जानकारी इसलिए की जाती है ताकि उन्हें संरक्षण प्रदान किया जा सके।

69. अंतर्राज्यीय जल विवाद के क्या कारण हैं ?

उत्तर ⇒भारत में अनेक ऐसी नदियाँ हैं जो एक से अधिक राज्यों के बीच से होकर बहती हैं। उत्तर भारत में गंगा, पूर्वी भारत में ब्रह्मपुत्र, दक्षिण भारत में कृष्णा-कावेरी आदि अनेक ऐसी ही नदियाँ है। विकास के इस दौर में सिंचाई, मत्स्य पालन बहुउद्देशीय परियोजना का निर्माण आदि कार्य नदी से ही जुड़ा है। एक से अधिक राज्यों के बीच नदी जल के इस उपयोग को लेकर कभी-कभी आपस में विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

70. वन और वन्य प्राणियों के संरक्षण में सहयोगी रीति-रिवाजों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर ⇒भारतीय परंपरा का वन और वन्य जीवों के साथ अभिन्न संबंध रहा है। पौराणिक ग्रंथों, कर्मकांडों में वनों और वन्य प्राणियों को काफी महत्त्व दिया गया है। धार्मिक अनुष्ठानों में लगभग एक सौ पौधे की प्रजातियों का प्रयोग हमारे रीति-रिवाजों में वनों की महत्ता को ही बताता है। सम्राट अशोक ने तो वन्य जीव-जंतुओं के शिकार पर रोक लगा दिया था। बाबर और जहाँगीर के आलेखों में भी प्रकृति संरक्षण का उल्लेख मिलता है। मुगल चित्रकला में भी वन एवं वन्य प्राणियों से प्रेम की बात पायी जाती है।

71. वन संरक्षण के चार उपाय बताएँ।

उत्तर ⇒वन के संरक्षण के लिए नम्नांकित चार उपाय किए जा सकते हैं
(i) जिन क्षेत्रों से वन काटे गये हैं पुन: वृक्षारोपण किया जाय।
(ii) वन क्षेत्रों का विकास किया जाय अर्थात् नये क्षेत्रों में वृक्ष लगाए जायें।
(iii) वन संरक्षण के लिए एक निश्चित नीति हो और नियम का सही ढंग से पालन किया जाय।
(iv) वृक्षों में लगने वाले पर्यावरण को संतुलित बनाये रखने के में लगने वाले बीमारियों से बचाव की व्यवस्था की जानी चाहिए। संतुलित बनाये रखने के लिए किसी भी देश के कल सफल का 33.3% भाग पर वनों का विस्तार होना आवश्यक है।

72. जल प्रदूषण को रोकने के लिए कारगर उपाय क्या हो सकते हैं ? लिखें ।

उत्तर ⇒जल सभी जीव-जंतुओं के लिए आवश्यक संसाधन है। इसके प्रदूषित होने से सबका जीवन खतरे में पड़ सकता है।
अत: जल प्रदूषण को रोकने के लिए निम्नांकित कारगर उपाय किये जा सकते हैं –
(i) बडे-बड़े नगरों के कूड़ा-करकट, मल आदि को निकट में बहने वाली नदियों, तालाबों, झीलों या अन्य जलाशयों में न गिराया जाय।
(ii) कल-कारखानों के अपशिष्ट रासायनिक पदार्थ जलाशयों में न गिराया जाय।
(iii) तालाबों में कीटनाशक दवाएँ न छिडकी जाएँ।
(iv) अणु परीक्षण, परमाणु बम विस्फोट, रासायनिक अस्त्रों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगना चाहिए। क्योंकि इसके कारण जल भी प्रदूषित होता है।

73. उपयोगिता के आधार पर ऊर्जा को कितने भागों में बाँटा गया है ?

उत्तर ⇒ उपयोगिता के आधार पर ऊर्जा को दो भागों में बाँटा गया है —

(i) प्राथमिक ऊर्जा—इसके अंतर्गत कोयला, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस जैसे ऊर्जा स्रोतों को शामिल किया गया है ।

(ii) गौण ऊर्जा—इसके अंतर्गत ऐसे स्रोतों को शामिल किया जाता है जो प्राथमिक ऊर्जा से प्राप्त किये जाते हैं।

 

     By:- vikash sir

SCIENTIFIC CLASSES

AND PICART ANJALI       👇👇↡↡↡

 




 

 

Website:- https://scientificclasses.blogspot.com/




 

 











 

 

 

 

 

TAGS:- CLASS 10 GEOGRAPHY ( भूगोल ) CHAPTER 1 ( भारत : संसाधन एवं उपयोग ) Question Answer लघु उत्तरीय प्रश्न IN HINDI ( N.C.E.R.T ) बिहार बोर्ड AND other board , class 10 geography chapter 1,class 10 geography,resources and development class 10,cbse geography class 10 chapter 1,resources and development full chapter class 10 geography,resources and development class 10 geography,ncert class 10 geography chapter 1,class 10 geo ch 1,agriculture full chapter class 10 geography,class 10 geography chapter 4,resources and development in class 10,ncert geography in hindi,agriculture full chapter class 10,class 10, geography class 10 chapter 1 bihar board,class 10 geography chapter 1 bihar board,class 10 geography chapter 1,geography class 10 chapter 1,10th class geography chapter 1,bihar board class 10th geography,class 10th geography chapter 1,geography class 10th chapter 1,bihar board geography class 10th,bihar board geography class 10,bihar board class 10 geography chapter 1,geography 10 class chapter 1,geography chapter 1 class 10,10th geography bihar board,class 10 geography chapter 1,geography class 10 chapter 1,class 10 geography chapter 1 in hindi,10 class geography chapter 1 in hindi,sansadhan aur vikas class 10 in hindi,class 10 geography,chapter 1 geography class 10,bharat sansadhan or upyog,class 10 geography chapter 2,class 10th geography chapter 1 bharat sansadhan evam upyog,class 10th geography chapter 1 sansadhan vikash upyog,bharat sansadhan evam upyog,resources and development class 10




 


Post a Comment

2 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
Post a Comment
Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !